राज्य के प्रारंभिक कक्षाओं के सवा करोड़ बच्चे और उनके अभिभावकों के बैंक खाते खुल गए हैं। हालांकि सरकारी विद्यालयों में पहली से आठवीं कक्षा तक नामांकित बच्चों की संख्या करीब दो करोड़ है।
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