$ 0 0 जय-जय सीताराम हो..., जय-जय सीता रार हो..., बिपटा के इतना कहते ही मृदंगिया ने एक चमाट मारा। अरे भगवान का ना वंदन करते हैं, तू किसका करने लगा...।